टीएचएसटीआई प्रारंभिक कैरियर चिकित्सा अनुसंधान पुरस्कार

ईसीएमआरए का लक्ष्य देश में चिकित्सक वैज्ञानिकों के पूल को मजबूत और विस्तारित करना है। टीएचएसटीआई ने ये पुरस्कार उत्कृष्ट युवा चिकित्सकों के पोषण के लिए बनाए हैं, जो अनुसंधान के प्रति एक मजबूत दृष्टिकोण रखते हैं और स्वतंत्र प्रमुख अन्‍वेषकों के रूप में विकसित होने की इच्छा रखते हैं।

इसका अधिदेश महामारी विज्ञान और जैव चिकित्सा अनुसंधान को जोड़ने के लिए होगा ताकि मातृ और बाल स्वास्थ्य के लिए मजबूत हस्तक्षेप और समाधान विकसित किए जा सकें।

इस कार्यक्रम के आवेदक चयन प्रक्रिया के भाग के रूप में पैनल के कुछ सदस्यों से बातचीत करेंगे। प्रत्‍याशी के पास एम. डी. (अधिमानतः चिकित्सा, बाल रोग, स्त्री रोग, सामुदायिक चिकित्सा में) या एम.पीएच या एम.पीएच के साथ एमबीबीएस डिग्री होनी चाहिए।

चयन समिति डोमेन ज्ञान का आकलन करेगी लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि स्वतंत्र रूप से सोचने की क्षमता, नैदानिक अनुसंधान के लिए योग्यता और अनुसंधान में कैरियर बनाने के लिए उत्साह का पता लगाया जाएगा।

विशेषज्ञों की समिति और उनकी सिफारिशों की समीक्षा के आधार पर, पुरस्कार सामान्य रूप से तीन साल की अवधि के लिए होगा, जिसे दो साल तक बढ़ाया जा सकता है। इस पुरस्कार में 75,000 रुपए प्रति माह समेकित वजीफा प्रदान कि‍या जाता है।
टीएचएसटीआई के बाह्य संबंध और संस्थागत विकास (ईआरआईडी) कार्यालय में व्‍यावसायिक विशेषज्ञ, श्रीमती विद्या कृष्णमूर्ति इस कार्यक्रम के लिए नोडल व्यक्ति होंगी।

लक्ष्य
  • अनुसंधान के क्षेत्र
  • अनुसंधान योजना

    इसका उद्देश्य ईसीएमआर पुरस्कार पाने वालों (ईसीएमआरए) के लिए परिकल्पना संचालित अनुसंधान करने हेतु कठोर, उच्च गुणवत्ता वाला प्रशिक्षण प्रदान करना होगा। पुरस्कार पाने वाले चिकित्सकों से उम्‍मीद होगी कि वे मातृ और बाल स्वास्थ्य के क्षेत्र में नए परिकल्पना संचालित नवाचारी (बौद्धिक रूप से चुनौतीपूर्ण) अनुसंधान विचारों को उत्पन्न करें और एक शोध प्रक्रिया को चलाना सीखें।

    • समग्र उद्देश्य :
    • विशिष्ट योजना :

      ईसीएमआरए में गहन साहित्य अध्‍ययन और मेंटर्स के साथ गहन विचार मंथन चर्चा के बाद कम से कम दो-तीन नए शोध प्रश्नों के विकास की उम्मीद की जाएगी (शोधकर्ता मेंटर्स पर विवरण नीचे विस्तार से दिया गया है)। संगत डोमेन के उदाहरण होंगे (i) नैदानिक लाभ के लिए आण्विक तंत्रों के साथ क्‍लासिक महामारी विज्ञान को जोड़ने वाले अनुसंधान; (ii) प्रणाली जीव विज्ञान मार्ग महत्वपूर्ण नैदानिक और सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्याओं को हल करने के लिए है, (iii) अवलोकन संबंधी अध्ययन जो रोगों के महामारी विज्ञान पर विस्तार करने, प्रकरण की परिभाषाओं को मानकीकृत करने और महत्वपूर्ण नैदानिक, पर्यावरण और सामाजिक निर्धारकों की पहचान करने में मदद करेंगे, (iv) प्रभावी निदान या निवारक या चिकित्सीय हस्तक्षेप की पहचान करने के लिए हस्तक्षेप अध्ययन, (v) विज्ञान कार्यान्वयन में ज्ञान का विस्तार, और हस्तक्षेपों के इर्द गिर्द नवीन प्रौद्योगिकी।

      ईसीएमआरए को उनके प्रत्येक शोध प्रश्न के लिए एक तीन (अधिकतम चार) पेज के आशय पत्र (एलओआई) तैयार करने के लिए कहा जाएगा जिसमें निम्नलिखित शामिल करने की आवश्यकता होगी:

      ईसीएमआरए को ये आशय पत्र पैनल के मेंटर के सामने प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान किया जाएगा जो एलओआई स्कोर देते हैं और अंतिम अनुसंधान कार्यक्रम की पहचान करने के लिए अनुसंधान विचारों के एक चयन की सुविधा देते हैं।

      ईसीएमआरए को एक पूर्ण प्रस्ताव विकसित करने और बाह्य अनुदान प्राप्त करने के लिए निर्देशित किया जाएगा। उनसे आशय पत्र में चुने गए चार क्षेत्रों पर विस्तार, अध्ययन / प्रयोगात्मक डिजाइन, अपेक्षित नमूना आकार और विश्लेषण की योजना के बारे में विस्तार से बताने की उम्मीद की जाएगी।
      पुरस्कार विजेताओं द्वारा उत्पन्न विचार जो विशिष्ट परियोजनाओं में कुछ कोर निधिकरण सहायता, प्रकाशन और अन्य क्रेडिट के रूप में दिए जाएंगे, जैसा कि संस्थान द्वारा तय किया गया है। उन्हें अध्ययन करने के लिए तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा। ईसीएमआरए को एक प्रतिस्पर्द्धी प्रक्रिया के माध्यम से बाह्य अनुदान प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
      टीएचएसटीआई ने गुड़गांव में नजदीकी जिला अस्पताल के साथ लंबे समय तक सहयोग किया है और देश भर में अन्य चिकित्सा, इंजीनियरिंग, जीव विज्ञान केंद्रों के साथ प्रभावी संस्थागत गठबंधन किया है (वेबसाइट पर उपलब्ध विवरण)। इन सहयोगों के माध्यम से ईसीएमआरए द्वारा शुरू की गई अनुसंधान प्रक्रिया को सुगम बनाया जाएगा।
      पीबीसी ने अधिक विशेष रूप से गुड़गांव के जिला अस्पताल में गर्भवती महिलाओं के एक समूह की स्थापना की है, जिनका गर्भधारण के समय के आरंभ से गर्भावस्था के 20 सप्ताह से पहले तक अनुवर्तन किया जा रहा है, जब तक कि महत्वपूर्ण पर्यावरणीय, नैदानिक और जैविक कारकों के संपर्क में आते हैं और समय पूर्व जन्म के साथ इन कारकों के जुड़ाव का आकलन प्रसव के समय तक किया जाता है। गर्भावस्था में अलग-अलग समय बिंदुओं पर पर्यावरण, नैदानिक, सामाजिक और महामारी विज्ञान निर्धारकों पर अच्छी तरह से लाक्षणीकृत जानकारी के साथ इन गर्भवती महिलाओं के विभिन्न जैव नमूने एकत्र किए गए। हम इस बात की परिकल्पना करते हैं कि जैव नमूनों और अल्ट्रासाउंड इमेजों के भंडार के साथ इस समूह से इनकी नई परिकल्पना संचालित अध्ययन को विकसित करने के लिए ईसीएमआरए को एक मंच प्रदान कि‍या जाएगा।

      • नवीन नवाचारी अनुसंधान विचारों का सृजन
      • आशय पत्र तैयार करना
        • परिकल्पना द्वारा संचालित / खोज आधारित जैविक प्रक्रियाओं या रोग तंत्र, निदान या उपचार के बारे में मूल प्रश्न जिनके प्रयोगात्मक रूप से परीक्षण किए जा सकते हैं,
        • प्रश्न का वैज्ञानिक और चिकित्सकीय महत्व
        • प्रायोगिक मॉडल और इसे क्यों चुना गया
        • जहां भी लागू हो, एक बहुत स्पष्ट रूपरेखा को चित्रित किया जाना चाहिए
        • यदि लागू हो, तो डेटा विश्लेषण योजना और मात्रात्मक विधियां।
      • एलओआई की समीक्षा
      • अनुसंधान योजना विकसित और निष्पादित करना
परामर्श और प्रशिक्षण

प्रत्येक ईएमसीआरए एक प्राथमिक मेंटर से जुड़ा होगा जो ईसीएमआरए को उच्च गुणवत्ता वाले मेंटरशिप प्रदान करने के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार होगा। मेंटर ईसीएमआरए के साथ उन्हें विचार निर्माण की प्रक्रिया को सीखने में मदद करने के लिए विचार मंथन सत्र आयोजित करेंगे। वे एक एलओआई लिखने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने और फिर एक पूर्ण प्रस्ताव देने के लिए जिम्मेदार होंगे। मेंटर यह भी सुनिश्चित करेगा कि ईसीएमआरआरए अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम को पूरा करे।

प्राथमिक संरक्षक (मेंटर) के अलावा प्रत्‍याशी द्वारा सलाह लेने के लिए संरक्षकों का एक पैनल उपलब्ध होगा। वे बाल रोग, स्त्री रोग, सामुदायिक चिकित्सा, चिकित्सा, जीव विज्ञान, महामारी विज्ञान, सार्वजनिक स्वास्थ्य, कोशिका जीव विज्ञान, सूक्ष्म जीव विज्ञान, प्रतिरक्षा विज्ञान, आनुवंशिकीविद्, सूक्ष्म जीव विज्ञान के क्षेत्र के विशेषज्ञ होंगे। ईसीएमआरएए से उम्मीद होगी कि अपने एलओआई को संरक्षक के इस पैनल के सामने प्रस्‍तुत करें, जो अंतिम अनुसंधान कार्यक्रम की पहचान करने के लिए अनुसंधान संबंधी विचारों को चुनने की सुविधा प्रदान करेगा। संरक्षक पैनल ''लेखा परीक्षक मार्गदर्शक'' के रूप भी में कार्य करेगा, जहां उनकी भूमिका नियमित अंतराल पर ईसीएमआरए द्वारा शुरू किए गए अनुसंधान कार्यक्रम के लिए महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया प्रदान करने की होगी।

नैदानिक अनुसंधान विधि, डेटा प्रबंधन और प्रयोगशाला अनुसंधान विधियों को सीखने के लिए व्यापक अवसर प्रदान किए जाएंगे। यह नीचे बताए गए रूप में केंद्रित कार्यशालाओं, वैज्ञानिक बैठकों, शिक्षण संगोष्ठियों और संकाय व्याख्यान के माध्यम से सुविधा होगी।

  • प्राथमिक संरक्षक
  • संरक्षकों का पैनल
  • प्रशिक्षण
    • ईसीएमआरए से निम्नलिखित वैज्ञानिक बैठकों / कार्यशालाओं में भाग लेने की उम्मीद की जाएगी :
      • नैदानिक अनुसंधान विधियों, महामारी विज्ञान और सांख्यिकी में प्रशिक्षण
      • टीएचएसटीआई में वैज्ञानिक बैठकों में अपने शोध विचारों पर बातचीत के लिए पैनल और अन्य विशेषज्ञों के साथ बातचीत की जाती है।
      • प्रतिभागी अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले अपने शोध कार्य को प्रस्तुत करने हेतु कम से कम एक राष्ट्रीय / अंतरराष्ट्रीय बैठक में भाग लें।
      • अन्य संगत डोमेन कार्यशालाओं / संगोष्ठियों को उनके कैरियर के विकास के लिए महत्वपूर्ण सीखने के अवसर माना जाता है।
      • प्रमुख चिकित्‍सा वैज्ञानिकों और जीव वैज्ञानिकों द्वारा वैज्ञानिक वार्ता।
    • प्राप्‍त कर्ताओं को मौजूदा नियमों के अनुसार, टीएचएसटीआई के पीएच. डी. कार्यक्रमों के लिए आवेदन करने का अवसर मिलेगा। पीएच. डी. कार्यक्रम में इस कार्यक्रम के दिशानिर्देशों के अनुसार पाठ्यक्रम की आवश्यकताओं का पालन किया जाएगा। पाठ्यक्रम के कार्य में प्रयोगशाला प्रायोगिक जैविक विधियों, नैदानिक अनुसंधान विधियां, उन्नत महामारी विज्ञान, जीवविज्ञान, प्रतिरक्षा विज्ञान, और संक्रामक रोग महामारी विज्ञान आदि कुछ और भी शामिल हैं।
    • ईएमआरएए से टीएचएसटीआई में डेटा प्रबंधन केंद्र में डेटा प्रबंधन प्रक्रियाओं को सीखने की उम्मीद की जाएगी। बड़े डेटा प्रबंधन जैसे बड़े जीनोमिक्स और प्रोटियोमिक्स डेटा सीखने के अवसर होंगे, जो वेब एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस और डेटाबेस डेवलपमेंट के एप्लीकेशन के लिए विजुअल बेसिक का उपयोग करके नैदानिक अध्ययनों से उभर रहे हैं।
  • चयन प्रक्रिया
  • सफलता की मैट्रिक्स

    सफलता का मैट्रिक्स का मूल्यांकन निम्नलिखित बातों पर किया जाएगा :

    • प्रधान संरक्षक और संरक्षकों के पैनल द्वारा पहले 3 महीनों के अंत में एलओआई।
    • प्रधान संरक्षक और संरक्षक के पैनल द्वारा 6 महीने के अंत तक पूर्ण प्रस्ताव का विकास।
    • 12-18 महीने के अंत तक प्राप्‍त होने वाले बाह्य अनुदान।
    • अनुसंधान विधियों को सीखना।
    • अध्ययन का संचालन और परिणामों का विश्लेषण।
    • प्रकाशन।
  • शोध कार्यक्रम की जानकारी

    जारी अनुसंधान कार्यक्रम और संकाय का विवरण www.thsti.res.in पर उपलब्ध हैं। प्रत्‍याशी संस्थान के संबंधित वेबपेजों से विवरण प्राप्त करने में सक्षम होंगे।

  • प्रशासनिक शर्तें और निबंधन